उदयपुर। लेकसिटी में गणगौर फेस्टिवल, जिसे मेवाड़ फेस्टिवल के नाम से भी जाना जाता है, सोमवार से प्रारंभ होगा। यह भव्य आयोजन तीन दिनों तक चलेगा और इसमें विभिन्न पारंपरिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।
सोमवार को गणगौर घाट पर विभिन्न समाज की महिलाएं ईसर-पार्वती की पूजा करने पहुंचेंगी। वहीं, महोत्सव के तहत शाम 4 बजे से रात 6 बजे तक घंटाघर से गणगौर घाट तक गणगौर की सवारी निकाली जाएगी। इसके बाद शाम 6 बजे से शाम 7 बजे तक पिछोला झील में बंसी घाट से गणगौर घाट तक शाही गणगौर की सवारी निकलेगी।
शाम 7 बजे से गणगौर घाट पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इस बार फेस्टिवल में मेनार की जबरी गेर और खेरवाड़ा की प्रसिद्ध लाखा बंजारा गैर मुख्य आकर्षण रहेंगे।
गोगुंदा के मेला ग्राउंड में भी तीन दिन तक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इस फेस्टिवल में स्थानीय कलाकारों को भी अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर मिलेगा। गोगुंदा से तेराताल और चित्तौड़गढ़ से बहरूपिया कलाकार अपनी शानदार प्रस्तुतियां देंगे।
गणगौर फेस्टिवल का यह रंगारंग आयोजन मेवाड़ की संस्कृति और परंपराओं को जीवंत बनाए रखने के उद्देश्य से किया जाता है। शहरवासी और पर्यटक इस उत्सव का भरपूर आनंद उठा सकेंगे।
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