मौके पर तैनात सिक्योरिटी गार्ड फतेहसिंह और उनके सहयोगी ने भालू के फोटो और वीडियो बनाए, जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गए। सूचना मिलने पर वन विभाग की टीम तुरंत मौके पर पहुंची और भालू की तलाश में सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया गया।
बस्सी सेंचुरी से आने की जताई जा रही संभावना
वन विभाग की प्राथमिक जांच में अनुमान लगाया जा रहा है कि भालू संभवतः बस्सी सेंचुरी के आमझरिया क्षेत्र से रास्ता भटककर यहां पहुंचा होगा। भैंसरोड़गढ़ और रावतभाटा के घने जंगलों में भी भालू पाए जाते हैं, जिससे यह भी संभावना जताई जा रही है कि वह इन क्षेत्रों से घूमता हुआ दुर्ग की तलहटी तक पहुंचा हो।
सिक्योरिटी गार्ड की सजगता से मिली पक्की जानकारी
सिक्योरिटी गार्डों की सूझबूझ से न सिर्फ भालू का वीडियो रिकॉर्ड किया गया, बल्कि उन्होंने तुरंत वन विभाग और दुर्गवासियों को इसकी सूचना दी। वीडियो की पुष्टि के लिए वन विभाग की टीम ने सबसे पहले उसी लोकेशन का निरीक्षण किया, जो वीडियो में नजर आ रही थी।
40 साल बाद भालू की दस्तक, वन विभाग भी हैरान
वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मुकेश सैनी ने बताया कि पिछले 40 वर्षों में चित्तौड़गढ़ शहर या दुर्ग की तलहटी में भालू देखे जाने की कोई सूचना नहीं है। ऐसे में वर्षों बाद भालू की मौजूदगी ने सभी को हैरत में डाल दिया है।
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो
भालू के दो वीडियो वायरल हुए हैं, जिनमें एक में वह सूरजपोल की ओर चढ़ता हुआ दिख रहा है, और दूसरे में झाड़ियों की तरफ भागते हुए। इसके बाद से वन विभाग की टीम लगातार सर्च अभियान में जुटी हुई है, हालांकि चार घंटे बीत जाने के बाद भी भालू दोबारा नहीं दिखा है
DS7 News Network
चित्तौड़गढ़ से रिपोर्ट
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