चित्तौड़गढ़ रेलवे स्टेशन पर एसिड अटैक: आरोपी इस्माइल दो दिन की पुलिस रिमांड पर, अश्लील वीडियो देखता था आरोपी, गलत इरादे से पीछा कर किया था अटैक

चित्तौड़गढ़ रेलवे स्टेशन पर एसिड अटैक: आरोपी इस्माइल दो दिन की पुलिस रिमांड पर, मानसिक स्थिति पर उठे सवाल
DS7 News Network | चित्तौड़गढ़ | 29 अप्रैल 2025

चित्तौड़गढ़ रेलवे स्टेशन पर एक मां और नाबालिग बेटी पर हुए दिल दहला देने वाले एसिड अटैक मामले में पुलिस ने आरोपी को अजमेर GRP कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे दो दिन की रिमांड पर भेज दिया गया है। आरोपी की पहचान इस्माइल (28) पुत्र मोहम्मद हरून, निवासी महू, इंदौर (मध्य प्रदेश) के रूप में हुई है।

गलत नीयत और पूर्व योजना का संदेह
GRP थानाधिकारी अनिल देवल के अनुसार, प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि आरोपी की पीड़िता मां-बेटी के प्रति नीयत ठीक नहीं थी। वह लंबे समय से रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 4 पर रह रहे इस परिवार पर नजर बनाए हुए था और गलत इरादे से उनके पीछे गया।

पूर्व रेलवे कर्मचारी, अब होटल में करता था काम
देवल ने बताया कि आरोपी केवल तीसरी कक्षा तक पढ़ा है। वह पहले रेलवे में अटेंडर की नौकरी करता था, लेकिन पिछले तीन महीनों से बेरोजगार है। फिलहाल वह रेलवे का पुराना कार्ड लेकर राजस्थान और मध्य प्रदेश के अलग-अलग स्टेशनों पर घूम रहा था और होटल में बर्तन धोने जैसे छोटे-मोटे काम कर रहा था।

मानसिक स्थिति सामान्य नहीं, मोबाइल में अश्लील सामग्री
पूछताछ के दौरान आरोपी का व्यवहार असामान्य पाया गया। वह बार-बार असंगत बातें कर रहा था, जिससे उसकी मानसिक स्थिति पर संदेह गहराया है। आरोपी के मोबाइल की जांच में पुलिस को कई अश्लील साइट्स के विजिट और सोशल मीडिया के जरिए संदिग्ध संपर्कों के सबूत मिले हैं।

खतरनाक मंशा की जांच जारी
पुलिस यह भी जांच कर रही है कि आरोपी के पास मिर्च पाउडर और एसिड जैसी खतरनाक चीजें क्यों थीं। यह माना जा रहा है कि उसकी मंशा पहले से ही आपराधिक थी। गहराई से पूछताछ के लिए आरोपी को दो दिन की रिमांड पर लिया गया है।

इंदौर से मंगवाया गया आपराधिक रिकॉर्ड
पुलिस ने आरोपी का क्रिमिनल रिकॉर्ड इंदौर से मंगवाया है। प्रारंभिक जानकारी में उसके खिलाफ पहले भी एक आपराधिक मामला दर्ज होना सामने आया है। विस्तृत जानकारी अभी GRP के पास नहीं पहुंची है।

पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता दिलाने में आ रही दिक्कतें
घटना के बाद प्रशासन पीड़ित मां-बेटी को सरकारी सहायता योजनाओं से जोड़ने की कोशिश कर रहा है, लेकिन परिवार के पास आधार कार्ड या बैंक खाता नहीं होने के कारण राहत राशि उपलब्ध कराना मुश्किल हो रहा है। चूंकि वे एक घुमंतू जाति से हैं, ऐसे में दस्तावेज़ी औपचारिकताएं पूरी करना एक बड़ी चुनौती बन गई है

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